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अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को कोर्ट ने भेजा ईडी की हिरासत में, जानिए आगे क्या होगा?

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Delhi Blasts Update: अल फलाह यूनिवर्सिटी घोटाला मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी से लगातार पूछताछ कर रही है। मंगलवार रात उसे साकेत कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 13 दिन की ईडी रिमांड मंजूर कर दी। अब 1 दिसंबर तक ईडी जावेद से गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में पूछताछ करेगी। अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी मान्यता और फंडिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं।

इस बीच एनआईए दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े आतंकी डॉक्टरों के अल फलाह कनेक्शन की जांच कर रही है। ईडी ने भी मंगलवार को यूनिवर्सिटी के ओखला स्थित मुख्यालय और ट्रस्टियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी से कई मुखौटा कंपनियां जुड़ी थीं, जो केवल कागजों पर मौजूद थीं। आशंका है कि इन कंपनियों के जरिए हवाला और फर्जी लेनदेन किए गए। ईडी को एक ही पते पर 9 शेल कंपनियां मिलीं, जिनमें कोई काम नहीं हो रहा था।

जांच एजेंसियों के सामने कई गंभीर सवाल हैं — कैसे एक मामूली कॉलेज चलाने वाला जावेद सिद्दीकी 250 करोड़ रुपये जुटाकर इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी बना सका? मान्यता से जुड़े दस्तावेजों में किसने और कैसे हेरफेर किया? दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन सामने आने के बाद वह क्यों गायब हो गया?

जावेद सिद्दीकी पहले भी विवादों में रहा है। वह 7.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए शेयर खरीदे गए और फंड शेल कंपनियों के नाम पर निजी खातों में भेजा गया। इंदौर निवासी सिद्दीकी के नेतृत्व में अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज का संचालन करता है, जिसका कैंपस 78 एकड़ में फैला है।

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