गोवा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ (With brave soldiers of Indian Navy on board INS Vikrant) दीपावली मनाई (Celebrated Diwali) । उन्होंने भारतीय नौसेना के बहादुर जवानों के साथ इस पावन पर्व को मनाया, जो न केवल एक सैन्य उत्सव था, बल्कि राष्ट्र की एकजुटता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी साबित हुआ।
गोवा और कारवार के तट से दूर, इस विशालकाय स्वदेशी जहाज पर दीपावली ने समुद्र की गहराइयों को भी चकाचौंध कर दिया। प्रधानमंत्री का यह दौरा, जो परंपरा का हिस्सा बन चुका है, इस बार नौसेना के वीर जवानों को समर्पित रहा।उन्होंने कहा, “मैं भाग्यशाली हूं कि इस बार मैं नौसेना के आप सभी बहादुर जवानों के बीच दीपावली का यह पावन त्योहार मना रहा हूं। यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है कि मैं उन वीरों के साथ हूं, जो दिन-रात समुद्र की सीमाओं पर पहरा देते हैं।”
उन्होंने आईएनएस विक्रांत को भारत की आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह जहाज केवल धातु और मशीनों का संग्रह नहीं है, बल्कि हमारे लाखों कारीगरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का फल है। जब हमने इसे स्वदेशी तकनीक से बनाया, तो दुनिया ने देखा कि भारत अब आयात पर निर्भर नहीं रह सकता। आजादी के अमृत काल में हमारा लक्ष्य विकसित भारत है, और ऐसे जहाज हमें उस दिशा में मजबूती प्रदान करते हैं।”
भारत के बढ़ते समुद्री प्रभुत्व को लेकर प्रधानमंत्री ने नौसेना के साहस और आईएनएस विक्रांत की सामरिक शक्ति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत की प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और वैश्विक प्रभाव का प्रमाण है। उन्होंने हाल के अभियानों में इस पोत की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए कहा, “आईएनएस विक्रांत ने भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम का प्रदर्शन किया, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कुछ ही दिनों में झुकने पर मजबूर कर दिया।”
जब पीएम मोदी आईएनएस विक्रांत के डेक पर उतरे, तो नौसेना के अधिकारियों और जवानों ने उनका स्वागत पारंपरिक तरीके से किया। जहाज पर सजी दीपमालाओं, रंगोली और पारंपरिक दीपावली के व्यंजनों के बीच माहौल उत्साहपूर्ण था। उन्होंने सबसे पहले जवानों के साथ पूजा-अर्चना की और फिर उन्हें संबोधित किया। पीएम मोदी ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में रक्षा निर्यात 1,500 करोड़ से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए हो गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता का प्रमाण है।
दीपावली के अवसर पर गोवा में तैनात आईएनएस विक्रांत पर पीएम मोदी ने नौसेनाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, “ब्रह्मोस और आकाश जैसी हमारी मिसाइलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी अपनी क्षमता साबित की है। ब्रह्मोस नाम अपने आप में इतना प्रसिद्ध है कि इसे सुनते ही कई लोग चिंतित हो जाते हैं और सोचते हैं कि क्या ब्रह्मोस आ रही है।” पीएम मोदी ने कहा कि कई देश अब इन मिसाइलों को खरीदने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, “जब भी मैं विशेषज्ञों से मिलता हूं तो वे सभी एक ही इच्छा व्यक्त करते हैं कि वे भी इन मिसाइलों तक पहुंच चाहते हैं।”
उन्होंने देश की बढ़ती रक्षा क्षमताओं पर जोर देते हुए कहा, “भारत तीनों सेनाओं के लिए उपकरणों के निर्यात की क्षमता का निर्माण कर रहा है। हम दुनिया में एक शीर्ष रक्षा निर्यातक बनने की आकांक्षा रखते हैं, जो पिछले 11 वर्षों में 30 गुना बढ़ गया है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि औसतन हर 40 दिनों में एक नया स्वदेशी युद्धपोत या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रही है, जो रक्षा निर्माण में देश की तेजी से प्रगति को दर्शाता है।