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कपाट बंद होने के बाद जानिये कहां होंगे मां गंगा के दर्शन, जानिये क्यों खास है ये स्थान

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देहरादून: आज से चारधाम कपाट बंद होने की शुरुआत होने वाली है. इस कड़ी में आज सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद होगे. गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व के मौके पर बंद किये जाते हैं. आज सुबह 11.26 मनट पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं.

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की विग्रह डोली भोगमूर्ति, आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी. 22 अक्टूबर की रात को डोली मुखबा गांव से करीब दो किमी पहले मौजूद मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. उसके बाद अगले दिन 23 अक्टूबर की दोपहर मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा गांव पहुंचेगी. मुखबा गांव में मां गंगा की भोगमूर्ति को मंदिर में विधिविधान से शीतकाल 6 माह के लिए स्थापित किया जाएगा. इसके बाद 6 माह शीतकाल के लिए मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में ही होंगे.

 

 

मुखबा की धार्मिक मान्यताएं: मुखबा की बड़ी धार्मिक मान्यता है. मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल के बारे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गंगा माता की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. मान्यता है कि इस मंदिर में आकर श्रद्धा से प्रार्थना करने वालों को पारिवारिक सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. सदियों से ये परंपरा चली आ रही है कि गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद मुखबा आकर गंगा आरती और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

कहां है मुखबा: मुखबा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. यह भागीरथी नदी के किनारे स्थित है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 8000 फीट है. उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से मुखबा की दूरी करीब 80 किलोमीटर है. चारों ओर से बर्फ की पहाड़ियों से घिरे मुखबा का सौंदर्य देखते ही बनता है. ये स्थल धार्मिक पर्यटन के लिए तो प्रसिद्ध है ही, यहां प्राकृतिक पर्यटन की भी अपार संभावना हैं.

ऐसे पहुंचें मुखबा मंदिर: मुखबा पहुंचने के लिए उत्तराखंड पहुंचना होता है. उत्तराखंड आने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग हैं. हवाई मार्ग से आप ऋषिकेश के पास जौलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंचते हैं. रेल से हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून तक पहुंचा जा सकता है. ऋषिकेष से उत्तरकाशी, हर्षिल होते हुए मुखवा पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से मुखबा की दूरी करीब 480 किमी है.

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को लेकर श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह: इन सब बाधाओं को बावजूद 21 अक्टूबर 2025 तक यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 6,44,366 पहुंच गई. अकेले अक्टूबर महीने के 21 दिनों में ही 40,227 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंचे. गंगोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या भी 7,57,762 हो गई. अक्टूबर महीने के 21 दिनों में 53,949 श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे हैं.

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