अयोध्या । प्रभु श्रीरामलला (Lord Shri Ram Lalla) के प्रति समर्पण व संकल्प पूर्ति के लिए 73 वर्षीय वृद्ध 1338 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए गुरुवार को अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) पहुंचे। राम मंदिर (Ram Temple) बन जाने के बाद मेहसाणा से पैदल चलकर दर्शन करने अयोध्या आने का संकल्प लेने वाले गुजरात के मेहसाणा जनपद के ग्राम मोदीपुर निवासी जयंती लाल हरजीवन दास पटेल (Jayanti Lal Harjivan Das Patel) बताते हैं कि अक्टूबर 1990 में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा जब मेहसाणा पहुंची तो वे भी पूरे उत्साह से इसमें शामिल हुए। तब से पदयात्रा का संकल्प पूरा करने के लिए वक्त का इंतजार कर रहा था।
अब रामलला, राम दरबार सहित परिसर व परकोटे के आठ अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ध्वजारोहण की घोषणा होने पर अपने संकल्प पूर्ति के लिए पदयात्रा करते हुए आए हैं। जयंतीलाल ने बताया कि रोज दिन में 33 से 35 किलोमीटर चलते और रात को विश्राम करते थे। 30 अगस्त को शुरू की गई उनकी यात्रा 40वें दिन अयोध्या में समाप्त हुई। रास्ते में अधिकांशतः मंदिरों, सार्वजनिक पार्क व अतिथि गृहों में भोजन और विश्राम करते हुए यात्रा की निरन्तरता रखी।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से जुड़े सुबोध मिश्र कहते हैं कि उनमें अदभुत संकल्प शक्ति देखने को मिली। मंदिर बनने के बाद इस उम्र में अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पैदल चल दिए। आते ही रामलला के दर्शन के साथ ही उनसे जुड़े स्थानों भरतकुंड, गुप्तहरि घाट जाकर पूजा अर्चना की। उन्होंने शाम को सरयू आरती में भी हिस्सा लिया। वह कारसेवक पुरम तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से मिलने आए हैं।
अब हरिद्वार में सन्यासियों की तरह भक्ति में लीन
मूल रूप से लकड़ी के लट्ठों व सीमेंट के पाइप के कारोबारी जयंती लाल अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निवर्हन कर चुके हैं। बेटी अमेरिका में स्थापित हैं, नाती कनाड़ा में है। अब व्यवसाय को पूरी तरह से समेट कर रामभक्ति में लीन है। इस समय जयंती मेहसाणा छोड़कर हरिद्वार में सन्यासियों की तरह जीवन बसर कर रहे हैं।