नई दिल्ली । हिंद महासागर के ऊपर बन रहा लो-प्रेशर सिस्टम अब तेजी से मजबूत होते हुए चक्रवाती तूफान में बदल रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इसका असर मलक्का स्ट्रेट, बंगाल की खाड़ी और दक्षिण भारत के कई इलाकों में पहले से महसूस किया जा रहा है। तूफान ‘सेन्यार’ की आशंका को देखते हुए अधिकारी अलर्ट पर हैं और तटीय समुदायों व मछुआरों को चेतावनी जारी की गई है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार सिस्टम पूरी तरह एक शक्तिशाली साइक्लोन में बदलने की कगार पर है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में लगातार तेज बारिश जारी है, जबकि तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।
अंडमान सागर, मलक्का स्ट्रेट और बंगाल की खाड़ी में समुद्री स्थिति बेहद खराब है, जिसके चलते मछुआरों को समंदर में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि हालात सामान्य होने तक नावों और छोटे जहाज़ों को पानी में उतरने से बचना चाहिए।
अगले चार दिनों यानी 29 नवंबर तक अंडमान और निकोबार में भारी बारिश के आसार हैं। वहीं तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी तेज बारिश की चेतावनी दी गई है। चक्रवात के असर से अगले 72 घंटे दक्षिण भारत में 65–100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिसके चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है।
तमिलनाडु में 26 से 30 नवंबर के बीच भारी बारिश की संभावना जताई गई है। केरल में भी तेज बारिश का अलर्ट है। तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीमा में 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक बारिश का पूर्वानुमान है। अंडमान व निकोबार में 26 से 29 नवंबर तक भारी वर्षा की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है।
29 नवंबर (शनिवार) को तिरुवरुर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों के साथ-साथ पुडुचेरी और कराईकल में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका पर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में 7 से 15 सेमी तक बारिश हो सकती है।




