Recent News

Copyright © 2024 Blaze themes. All Right Reserved.

रेगिस्तान से पानी निकालने, कार्बन पकड़ने की तकनीक के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

indiannewsportal.com

Share It:

Table of Content


नई दिल्ली: 2025 का नोबेल प्राइज (Nobel Prize) इन केमिस्ट्री तीन दिग्गज वैज्ञानिको (Great Scientists Chemistry)- प्रोफेसर सुसुमु कितागावा (जापान), रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया) और ओमर एम. यागी (अमेरिका) को दिया गया है. इन वैज्ञानिकों ने ‘मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स’ (Metal-Organic Frameworks) पर काम कर के केमिस्ट्री की दिशा बदल दी. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने स्टॉकहोम में इसका ऐलान किया और बताया कि तीनों वैज्ञानिकों को 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (करीब 8.7 लाख पाउंड) की प्राइज मनी दी जाएगी.

  • तीनों वैज्ञानिकों ने मिलकर यह दिखाया कि कैसे अलग-अलग मॉलिक्यूल्स को एक खास तरीके से जोड़कर एक ऐसी संरचना बनाई जा सकती है जिसमें मॉलिक्यूल्स के बीच काफी खाली जगह यानी ‘पोर्स’ रहती है. इन पोर्स के जरिए गैसें या अन्य केमिकल्स आसानी से गुजर सकते हैं.
  • यही संरचनाएं आगे चलकर ‘मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स’ कहलाईं. इन्हें आप ‘मॉलिक्यूलर आर्किटेक्चर’ कह सकते हैं. जहां एटम्स और मॉलिक्यूल्स ईंटों की तरह इस्तेमाल होकर ऐसी संरचना बनाते हैं जो काम की चीजें कर सकती है.

इन फ्रेमवर्क्स का सबसे कमाल का यूज है- डेजर्ट एयर से पानी निकालना, कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करना और टॉक्सिक गैसों को स्टोर करना. यानी भविष्य में ये टेक्नोलॉजी जल संकट, क्लाइमेट चेंज और इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन से लड़ने में गेम-चेंजर साबित हो सकती है.

क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कितागावा, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के प्रोफेसर रॉबसन और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर यागी ने इस दिशा में दशकों तक काम किया. आज MOFs का इस्तेमाल क्लीन एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, गैस स्टोरेज और एयर प्यूरीफिकेशन में तेजी से बढ़ रहा है.

Tags :

Grid News

Latest Post

Find Us on Youtube

is not relation with any media house or any media company tv channel its independent website provide latest news and review content.

Latest News

Most Popular