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मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में लिए 4 बड़े फैसले, दो रेल परियोजनाओं को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेटी कमेटी की मीटिंग हुई। बैठक के दौरान रेयर अर्थ परमानेंट मैगनेट मैन्युफैक्चरिंग, पुणे मेट्रो (Pune Metro) का विस्तार, देवभूमि द्वारका(ओखा)- कनालुस रेलवे लाइन को डबल करने के साथ ही बदलपुरा-करजत की तीसरी और चौथी रेलवे लाइन से जुड़े बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 7280 करोड़ रुपये की ‘रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना’ को मंजूरी दी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली पहल का मकसद भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की इंटीग्रेटेड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करना है। इससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत ग्लोबल REPM मार्केट में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर अपनी जगह बना सकेगा।

इस योजना का कुल खर्च 7280 करोड़ रुपये है। इसमें पांच (5) वर्षों के लिए आरईपीएम बिक्री पर 6450 करोड़ रुपये के बिक्री-लिंक्ड प्रोत्साहन और कुल 6000 एमटीपीए आरईपीएम विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 750 करोड़ रुपये की पूंजी सब्सिडी शामिल है।

पुणे के पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में एक और बड़ी बढ़त मिलने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेज़-2 के तहत लाइन 4 (खरडी–हडपसर–स्वरगेट–खड़कवासला) और लाइन 4A (नल स्टॉप–वारजे–मानिक बाग) को मंजूरी दे दी है। लाइन 2A (वनज–चांदनी चौक) और लाइन 2B (रामवाड़ी–वाघोली/विट्ठलवाड़ी) को मंजूरी मिलने के बाद, यह फेज-2 के तहत मंजूर किया गया दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है।

कुल मिलाकर 31.636 km में फैली, जिसमें 28 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। लाइन 4 और 4A ईस्ट, साउथ और वेस्ट पुणे में IT हब, कमर्शियल ज़ोन, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और रेजिडेंशियल क्लस्टर को जोड़ेगी। यह प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होगा, जिसकी अनुमानित लागत Rs.9,857.85 करोड़ होगी, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी बाइलेटरल/मल्टीलेटरल फंडिंग एजेंसियां मिलकर फंड करेंगी।

ये लाइनें पुणे की कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) का एक जरूरी हिस्सा हैं और खराडी बाईपास और नल स्टॉप (लाइन 2), और स्वर्गेट (लाइन 1) पर ऑपरेशनल और मंजूर कॉरिडोर के साथ आसानी से जुड़ जाएंगी।

कैबिनेट मीटिंग में रेल मंत्रालय की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनकी कुल लागत 2,781 करोड़ रुपये (लगभग) है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं: देवभूमि द्वारका (ओखा) – कनालुस दोहरीकरण – 141 किलोमीटर बदलापुर – कर्जत तीसरी और चौथी लाइन – 32 किलोमीटर बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में काफी वृद्धि होगी। इससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा।

ये बहु-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं। ये परियोजनाएं पीएम मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं। ये क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएगी जिससे उनके रोजगार / स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। परियोजनाओं की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर बनाई गई है ये प्रोजेक्ट्स लोगों, सामान और सर्विसेज़ के आने-जाने के लिए आसान कनेक्टिविटी देंगे।

महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के 4 जिलों को कवर करने वाले ये दो प्रोजेक्ट्स, इंडियन रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 224 kms तक बढ़ा देंगे। मंजूर किए गए मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से लगभग 585 गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिनकी आबादी लगभग 32 लाख है।

कनालुस से ओखा (देवभूमि द्वारका) तक मंजूर डबलिंग से द्वारकाधीश मंदिर तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे खास तीर्थ स्थलों तक पहुच आसान होगी और सौराष्ट्र क्षेत्र का हर तरह से विकास होगा। बदलापुर – कर्जत सेक्शन मुंबई सबअर्बन कॉरिडोर का हिस्सा है। तीसरी और चौथी लाइन प्रोजेक्ट से मुंबई सबअर्बन इलाके में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दक्षिण भारत से भी कनेक्टिविटी मिलेगी।

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